गागर मे सागर



हमारे भाइयो ने अपनी मशाल को तेल से रोशन किया था...मगर अब तेल मशाल पर नही लगता, बल्कि लाठियो को पिलाया जाता है.....भारत माता जैसे भैस बन गयी है, भैस तो इस देख क देशवासी है जिन के आगे orchestra चला के शीला या मुन्नी को नाचवा लो , बीन की धुन पे तो सिर्फ़ साँप नाचते है जो की हमारी आस्तीनो मे रहते है, और जहा खाते है वही छेद कर के परलोक निकल जाते है.....MLA सब मैले है, चुनाव प्रचार के वक़्त आ धमकते है और वादे करते है, इनके दाग तो विज्ञापन मे भी अच्छे ना लगे, सांच क्या यहा तो झूठ को भी आँच नही है, LPG की rate सुन ले अगर कोई शक़ है तो...ये नेता ज़रूर सवान मे अंधे हुए होंगे क्यूकी नोटो की हरियाली सिर्फ़ इन्हे ही दिखाई पड़ती है, इनका चोरी का धन मोरी मे जाएगा शायद ये सोच के देश की सारी जनता गटर मे रहती है, यहा बिन माँगे मौत भी मिल जाती है और सरकारी compensation भी, ये बात अलग है के उस चेक को भुनाने मे घर मे १-२ मौत और हो जाती है...ईमानदारी ऊँट के मूह मे जीरा है, इतनी ऊँची है के हाथ नही आती और आती है तो ऊँचा नही बल्कि हर पकवान फीका लगने लगता है, खैर खट्टे से तो फीका अच्छा है क्यूकी नमक पे लगा टॅक्स तो इन्होने हटा दिया है, चलो वो हे खा के गुज़ारा कर लेंगे, क्यूकी आटे डाल का भाव तो आप को पता ही होगा, इस भूख मे किवाड़ भी पापड़ नज़र आता है और इस महँगाई मे रोज़ कुवा खोद के हम सिर्फ़ पानी हे पी सकते है, ये गगरी अब भर भी आधी ही पाती है और school collage के lecture की तरह घर आते आते छलक के खाली हो जाती 
है..


Photo courtesy - http://capnbob.us/

No comments: